ममता बनर्जी ने किया वादा: बंगाल में नहीं लागू होगा वक्फ कानून 2025 – क्या ये संभव है?

क्या कोई राज्य केंद्र द्वारा पारित कानून को रोक सकता है? ममता बनर्जी ने वक्फ संशोधन कानून 2025 को लेकर दिया बड़ा बयान, मगर क्या उनका विरोध संवैधानिक रूप से मान्य है? जानिए पूरी हकीकत।


वक्फ कानून 2025: क्या है मामला?

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 (Waqf Amendment Bill 2025) अब संसद से पास होकर राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून का रूप ले चुका है

  • 3 अप्रैल को लोकसभा से पास हुआ (288 वोट समर्थन में, 232 विरोध में)

  • 4 अप्रैल को राज्यसभा से भी पास हुआ (128 समर्थन में, 95 विरोध में)

  • इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे मंजूरी दी और यह कानून अब पूरे देश में लागू हो चुका है।

  • ममता बनर्जी ने किया वादा: बंगाल में नहीं लागू होगा वक्फ कानून 2025 – क्या ये संभव है?

ममता बनर्जी का विरोध – “बंगाल में नहीं होगा लागू”

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में साफ कहा:

हम बंगाल में वक्फ कानून लागू नहीं होने देंगे। दीदी आपकी संपत्ति की रक्षा करेंगी।

उन्होंने यह बयान बंगाल के मुस्लिम समुदाय को आश्वस्त करते हुए दिया और कहा कि यह कानून राज्य की धार्मिक एकता को नुकसान पहुंचा सकता है। उनका जोर था –

बंगाल में जियो और जीने दो की नीति चलेगी, फूट डालो और राज करो नहीं।


क्या राज्य सरकार वक्फ कानून को रोक सकती है?

संवैधानिक स्थिति:

  • वक्फ कानून 2025 केंद्र सरकार का कानून है, जो पूरे देश पर बाध्यकारी होता है।

  • संविधान के अनुच्छेद 245 और 246 के तहत संसद को अधिकार है ऐसे विषयों पर कानून बनाने का जो Concurrent List में आते हैं।

  • एक बार केंद्र का कानून पास होकर राष्ट्रपति की मंजूरी पा ले, तो राज्य सरकारें इसे लागू करने से इनकार नहीं कर सकतीं

👉 गृह मंत्री अमित शाह पहले ही संसद में कह चुके हैं:

यह कानून राष्ट्रीय स्तर पर बाध्यकारी होगा, इसे हर राज्य को लागू करना ही पड़ेगा।


फिर ममता बनर्जी क्या कर रही हैं?

राजनीतिक विश्लेषकों की राय:

  • ममता बनर्जी राजनीतिक संदेश दे रही हैं, खासकर राज्य के मुस्लिम वोट बैंक को।

  • कानून को पूरी तरह न सही, उसके क्रियान्वयन में देरी या प्रभाव को सीमित करने की कोशिश की जा सकती है।

  • यह बयानबाज़ी 2026 के विधानसभा चुनावों की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।


BJP का हमला – “संवैधानिक अवज्ञा” और तुष्टिकरण

भाजपा नेताओं ने ममता बनर्जी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी:

ममता बनर्जी कोई संविधान से ऊपर नहीं हैं, उन्हें कानून लागू करना ही पड़ेगा।
स्वप्न दासगुप्ता, वरिष्ठ BJP नेता

वोट बैंक की राजनीति के लिए ममता बनर्जी कानून को नहीं मान रही हैं।
सुकांत मजूमदार, BJP बंगाल प्रदेश अध्यक्ष


क्या हो सकता है आगे?

यदि कोई राज्य सरकार किसी केंद्रीय कानून को लागू नहीं करती, तो केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन (Article 356) की सिफारिश कर सकती है – हालांकि यह एक अंतिम उपाय होता है।

राज्य सरकारें केवल यह कर सकती हैं कि—

  • कानून को धीरे-धीरे लागू करें

  • इसके प्रावधानों को अपने तरीके से ढालें

  • प्रशासनिक स्तर पर प्रभाव को सीमित करें


निष्कर्ष

ममता बनर्जी वक्फ कानून के खिलाफ खुलकर बोल रही हैं, लेकिन संवैधानिक रूप से वह इसे लागू करने से पूरी तरह इनकार नहीं कर सकतीं।
यह बयानबाज़ी राजनीतिक दृष्टिकोण से है, जिसका उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को भरोसा दिलाना और 2026 के चुनावों से पहले समर्थन पाना है।

लेकिन सच्चाई यही हैवक्फ कानून 2025 पूरे देश पर बाध्यकारी है और बंगाल कोई अपवाद नहीं हो सकता।

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